Saturday, May 24, 2014

नई राह तलाशती रफ़्तार की पत्रकारिता

खबरों को कौन कितनी तेजी से लोगों तक पहुंचता है वही समाचारों की दुनिया का बादशाह होता है अखबार ,रेडिओ और टीवी के बाद आज इंटरनेट तेजी का पर्याय बन चुका है,पर इंटरनेट अब ख़बरों  की दुनिया के एक ऐसे हिस्से को प्रभावित कर रहा है जिसके बारे में आमतौर पर चर्चा कम ही होती है.सामान्यत: ख़बरों के थोक विक्रेता माने जाने वाली समाचार समितियों के संसार को कहीं से किसी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं करना पड़ा है.ये टक्कर आम तौर पर खबरों के लिए गंभीर माध्यम न माने जाने वाले फेसबुक की तरफ से है.फेसबुक ने फन एलिमेंट से आगे निकलते हुए और ट्विटर की तेजी को अपनाकर फेसबुक न्यूज़ वायर नाम की एक नयी सेवा शुरू की है| यह सेवा समाचारों की दुनिया में भी फेसबुक के दखल की शुरुवात है|जिसमें दुनिया भर के फेसबुक प्रयोगकर्ताओं द्वारा शेयर की जा रही सामग्री जिसमें फोटो ,वीडिओ और स्टेटस शामिल हैं,इस सामग्री में ऐसे तथ्यपरक सूचनाओं को जो ज्यादा वाइरल (पढी,देखी या चर्चा ) हो रही हैं को एक जगह उपलब्ध कराया जाएगा. इस सेवा में फेसबुक को मदद  “स्टोरीफुल कम्पनी” की मदद मिल रही है |जो सारी दुनिया में सोशल न्यूज़ वायर सर्विस पर बहुमूल्य सामग्री उपलब्ध कराने की अपनी विशेज्ञता के लिए जानी जाती है| लोगों की निजता को ध्यान में रखते उन्हीं पोस्ट को ऍफ़ बी वायर पर जगह दी जायेगी जिनको सभी लोगों के लिए शेयर किया गया होगा.पत्रकारिता की दुनिया में यह प्रयास पत्रकारों के लिए काफी लाभदायक होगा जो सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर ख़बरों की तलाश में घंटों अपना समय सर्फिंग में बर्बाद करते हैं.फेसबुक की एक विशेषज्ञ टीम इस सामग्री के चयन  के लिए तैनात की गयी है.माना जा रहा है कि इस प्रयोग से बड़ी चुनौती ट्विटर को भी मिलेगी जो ब्रेकिंग न्यूज़ के मामले में अब तक सबसे अव्वल है|ट्विटर की इस ताकत को चुनौती देने के लिए फेसबुक वायर का ट्विटर अकाउंट भी  बनाया गया है|इस सेवा के दूरगामी असर पड़ने की संभावना है यह सेवा  जहाँ एक और समाचारों को प्रमाणिकता देने के साथ साथ नागरिक पत्रकारिता (सिटीजन जर्नलिज्म ) को बढ़ावा देगी जिससे न्यूज़ पूल का दायरा बढेगा यह इंटरनेट पर “नेटीजन जर्नलिज्म” की एक नयी अवधारणा के लिए प्रेरक का काम करेगा | माना जा रहा है कि फेसबुक प्रयोगकर्ताओं की बड़ी तादाद के कारण  समाचार समितियों के कारोबार पर असर पड़ सकता है और कम समय में ज्यादा वैविध्यपूर्ण  समाचार फोटो वीडिओ सहित ज्यादा लोगों तक पहुँच सकेंगे |हालांकि अभी यह सेवा अपनी शुरुवाती अवस्था में है पर भारत जैसे देश में जहाँ मीडिया के विस्तार की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं  जब समाचार चैनल या अखबार और समाचार समितियां  खबर के लिए सिर्फ अपने संवाददाताओं पर नहीं निर्भर रहेंगी बल्कि हर इंटरनेट उपभोक्ता उनका संभावित संवाददाता होगा|
जिसमें बड़ी भूमिका स्मार्ट फोन से लैस भारत की बड़ी जनसँख्या निभाने वाली है.भारत जैसे देश में यह सेवा कितनी सफल होगी इसका उत्तर देना थोड़ी जल्दबाजी होगी पर इतिहास तो यही बताता है कि हर नयी  तकनीक का स्वागत हम खुले दिल से करते हैं|
हिन्दुस्तान में 24/05/14 को प्रकाशित लेख 

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